राखी – प्रेम और संरक्षण का अटूट बंधन

 

राखी
प्रेम और संरक्षण का
अटूट बंधन

अपनी
पुरानी फोटोग्राफी आर्काइव देखते समय मुझे एक
अनमोल श्वेतश्याम तस्वीर मिली, जिसे मैंने 1980 के
शुरुआती दशक में खींचा
थाराखी के अवसर
पर अपने मित्रों के
बच्चों का चित्र। उस
समय मैं पटना के
एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में कार्यरत
था और विभिन्न त्योहारों
के अवसर पर तस्वीरें
खींचकर अखबार में प्रकाशित करवाता
था।

वो भी क्या दिन
थेजब सोशल
मीडिया था, मोबाइल
फोन, लैपटॉप, और
ही रंगीन फोटोग्राफी
की आसानी। मैं श्वेतश्याम
फिल्म पर तस्वीरें खींचता,
उन्हें डार्करूम में विकसित करता,
प्रिंट निकालता और फिर संपादक
को सौंपता। आज, सोशल मीडिया,
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
पर राखी के रंगीन
और जीवंत चित्रों की भरमार है
भाईबहन रंगबिरंगे
परिधानों में सजेधजे,
इस बंधन का उल्लासपूर्वक
उत्सव मनाते हुए।

जो तस्वीर मुझे मिली है,
वह अब पुरानी और
हल्की क्षतिग्रस्त हैबीते समय
की एक सजीव याद।
उस तस्वीर में जो बच्चे
थे, वे अब बड़े
हो चुके हैं, अपनेअपने परिवार के
साथ, और यह देखकर
मन प्रसन्न होता है कि
उनके बच्चे भी उसी परंपरा
को आगे बढ़ा रहे
हैं।

रक्षाबंधन,
जिसे आमतौर पर राखी कहा
जाता है, मात्र एक
रस्म नहीं हैयह
भाईबहन के बीच
प्रेम, कर्तव्य और संरक्षण का
प्रतीक है, चाहे वे
जैविक रूप से जुड़े
हों या हों।
भारतीय इतिहास में राखी से
जुड़े कई मार्मिक प्रसंग
मिलते हैं। इनमें से
एक सबसे लोकप्रिय कथा
भगवान कृष्ण और द्रौपदी की
हैजब कृष्ण की
उंगली कट गई, तो
द्रौपदी ने अपनी साड़ी
का एक टुकड़ा फाड़कर
उसे बांध दिया। यह
छोटा सा स्नेहपूर्ण कार्य
आज के पवित्र बंधन
का आधार बन गया।

एक अन्य कथा राजा
बलि और देवी लक्ष्मी
की है। श्रावण पूर्णिमा
के दिन, लक्ष्मी ने
वेश बदलकर राजा बलि को
राखी बांधी और उनके बीच
शुभचिंतन और संरक्षण का
बंधन स्थापित हुआ।

भारतीय
सिनेमा ने भी राखी
को अमर बना दिया
है, “मेरे भैया, मेरे
चंदाऔरभैया मेरे
राखी के बंधन को
ना भूलनाजैसे मधुर गीत
आज भी सुनने पर
भावनाओं को गहराई से
छूते हैं।

राखी
पूरे भारत में मनाई
जाती है, जाति, धर्म
और समुदाय की सीमाओं से
परे। बहनें अपने भाई की
कलाई पर रंगीन धागा
बांधती हैं, रोली, चंदन
और चावल का तिलक
लगाती हैं और मिठाई
खिलाती हैं। भाई, बदले
में उपहार देते हैं और
बहन की रक्षा का
वचन निभाते हैं।

कुछ
राज्यों में, जैसे दिल्ली
में, इस दिन महिलाओं
के लिए विशेष सुविधाएं
दी जाती हैंबसों
में मुफ्त यात्रा और मिठाई
अन्य त्योहारी वस्तुओं पर छूट। कई
संस्थाएं रक्षाबंधन पर सैनिकों को
राखी भेजती हैं, उनके संरक्षक
के रूप में योगदान
का सम्मान करते हुए। बिहार
में, उदाहरण के लिए, लोकप्रिय
शिक्षक खान सर को
हर साल अनगिनत राखियां
भेजी जाती हैं, और
वे इसे लड़कियों के
लिए भव्य भोज का
आयोजन कर मनाते हैं।

आज,
चाहे ऑनलाइन डिलीवरी के माध्यम से
हो या व्यक्तिगत मिलन
के जरिए, राखी का मूल
भाव नहीं बदला है
यह प्रेम, स्मरण और देखभाल के
वचन का पर्व है।

मेरे
सभी पाठकों, मित्रों और शुभचिंतकों को
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

📷 पुरानी यादें
नन्हेमुन्नों का राखी उत्सव
टेक्स्ट
और फोटो: अशोक करण
🔗
ashokkaran.blogspot.com

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