मनEर शरीफ: बिहार की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर

 

मनEर शरीफ: बिहार की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर


बिहार में एक असाइनमेंट के दौरान, मैं पटना से आरा की ओर जा रहा था और रास्ते में मनर से गुजरा, जो पटना से करीब 25 किमी पश्चिम में NH 933 पर स्थित है। इसके ऐतिहासिक महत्व से आकर्षित होकर, मैंने मनर शरीफ की ओर रुख किया, जहाँ 1619 में बने सूफी संत मखदूम शाह का मकबरा स्थित है। यह इलाका अब पटना जिले के एक ब्लॉक के रूप में जाना जाता है और यहाँ के मोतीचूर के लड्डू बहुत प्रसिद्ध हैं।

मनर शरीफ किला के सामने एक बड़ा तालाब है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह तालाब केवल दैनिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, बल्कि बाढ़ और जल से जुड़ी आपदाओं में बचाव अभियान के लिए कैडेटों को भी यहाँ प्रशिक्षण दिया जाता है।

मनर शरीफ में दो प्रमुख मकबरे हैं:

  • बड़ी दरगाह, जो बिहार के प्रसिद्ध सूफी संत मखदूम याहया मनैरी को समर्पित है।

  • छोटी दरगाह, जो मखदूम शाह दौलत का मकबरा है और 1619 में इब्राहिम खान द्वारा बनाया गया था।

इन मकबरों में मुस्लिम वास्तुकला की झलक मिलती है, जिनकी दीवारों पर बारीक सजावट और कुरान की आयतें लिखी हुई हैं। बाद में इब्राहिम खान को भी यहाँ दफन किया गया, जिससे यह स्थान मुस्लिम शासन के दौरान बिहार का एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र बन गया।

सांस्कृतिक प्रभाव

आजकल कम लोग यहाँ आते हैं, लेकिन 1963 में मशहूर भोजपुरी फिल्म लागी नहीं छूटे राम के एक गाने की शूटिंग यहाँ मनर किला में हुई थी, जिसके बाद इस जगह को प्रसिद्धि मिली। लाल लाल होटवा से बरसे ललिया हो,’ जिसे लता मंगेशकर और तलत महमूद ने गाया था, काफी लोकप्रिय हुआ। इस फिल्म का संगीत चित्रगुप्त ने दिया था और गीत मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे। इस गाने ने भोजपुरी सिनेमा में एक गहरा प्रभाव डाला।

1970 में बॉलीवुड फिल्म जॉनी मेरा नाम में भी राजगीर और नालंदा के दृश्यों के साथ मेरे राजा गाने की शूटिंग के बाद इस जगह को दोबारा पहचान मिली।

आज का मनर शरीफ

मनर शरीफ दिन भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है और आज भी यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर के प्रतीक के रूप में कायम है।

फोटो हाइलाइट्स

  1. मनर शरीफ किले का प्रवेश द्वार

  2. किले के अंदर का गलियारा

  3. मनर शरीफ के मुख्य मकबरे

  4. तालाब में तैराकी का प्रशिक्षण

  5. लागी नहीं छूटे रामफिल्म के टीवी दृश्य

लेखक फोटोज: अशोक करण
[ashokkaran.blogspot.com]

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