🙏 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: एकता, स्वास्थ्य और भारतीय विरासत का उत्सव 🧘♂️
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पाठ्य एवं चित्र – अशोक करन
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🌞 21 जून – वह दिन जिसने दुनिया को स्वास्थ्य का नया अर्थ दिया
कल पूरी दुनिया ने
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया—भारत की अमूल्य
और प्राचीन देन का वैश्विक
सम्मान। जो कभी केवल
भारत तक सीमित एक
साधना थी, वह आज
एक वैश्विक स्वास्थ्य, चेतना और आध्यात्मिक अनुशासन
का आंदोलन बन चुकी है।
इस पहल की शुरुआत
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में की गई
थी। 177 देशों के समर्थन से,
21 जून—जो ग्रीष्म संक्रांति
(Summer Solstice) का दिन भी होता
है—को आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय
योग दिवस घोषित किया गया। पहली
बार यह दिवस 21 जून
2015 को मनाया गया और तब
से यह परंपरा 200 से
अधिक देशों में मनाई जा
रही है।
आज
‘Heal in India’ के
मंत्र के साथ भारत
वैश्विक वेलनेस केंद्र के रूप में
उभर रहा है, जिसमें
योग एक मुख्य भूमिका
निभा रहा है। आंध्र
प्रदेश के विशाखापत्तनम समुद्र
तट पर प्रधानमंत्री मोदी
और राज्य के मुख्यमंत्री ने
एक रिकॉर्ड 3,02,087 योग साधकों को संबोधित करते
हुए योग की वैश्विक
सफलता और आधुनिक चिकित्सा
में इसके समावेश पर
बल दिया।
एम्स,
नई दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों
ने भी हृदय रोग,
तंत्रिका विकार, महिलाओं के स्वास्थ्य और
मानसिक कल्याण पर योग के
प्रभाव को प्रमाणित किया
है।
🌍 योग: भारत की प्राचीन विद्या, दुनिया की आधुनिक औषधि
योग,
जिसका अर्थ है “एकता“, केवल
शारीरिक क्रिया नहीं बल्कि मानसिक
स्पष्टता और आत्मिक शांति
का मार्ग है। UNESCO द्वारा इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में
मान्यता दी गई है।
लचीलापन
बढ़ाने से लेकर मानसिक
स्वास्थ्य सुधारने तक, योग संपूर्ण
जीवनशैली का समाधान देता
है। एम्स, भारतीय विश्वविद्यालयों और हार्वर्ड जैसे
संस्थानों द्वारा किए गए 500 से
अधिक शोधों ने यह सिद्ध
किया है कि योग
डिप्रेशन, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग में अत्यंत प्रभावी
है।
💪 योग के मुख्य लाभ
• शारीरिक
शक्ति व संतुलन: मांसपेशियों को मजबूत करता
है, लचीलापन और आसन सुधारता
है।
• बेहतर नींद: विशेषकर विपरीतकरणी, उत्तानासन और सुखासन जैसे
आसनों से।
• मानसिक स्वास्थ्य: ध्यानात्मक श्वास से चिंता, तनाव
और अवसाद कम करता है।
• हृदय स्वास्थ्य: रक्तचाप को नियंत्रित करता
है और हृदय की
क्षमता बढ़ाता है।
• एकाग्रता व सजगता: प्राणायाम और ध्यान से
मानसिक स्पष्टता मिलती है।
📚 प्राचीन ग्रंथों से आधुनिक कक्षाओं तक
भारत
के लिए गर्व की
बात है कि आज
योग दुनिया भर में पढ़ाया,
सीखा और शोधित किया
जा रहा है। महर्षि
पतंजलि को योग का
जनक माना जाता है,
जिन्होंने “योग सूत्र“ के माध्यम से
अष्टांग योग की आठ सीढ़ियाँ
प्रस्तुत कीं—आत्मसाक्षात्कार की
ओर एक मार्ग।
तिरुमलाई
कृष्णमाचार्य
ने 20वीं सदी में
योग को पुनर्जीवित और
आधुनिक रूप में प्रस्तुत
किया। वे आयुर्वेदाचार्य व
विद्वान थे, जिन्होंने कई
महान शिष्यों को योग सिखाया।
उन्होंने 100 वर्ष तक जीवित
रहते हुए अपना संपूर्ण
जीवन योग को समर्पित
किया।
🌐 इस वर्ष की थीम: एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य
इस वर्ष की थीम
‘One Earth, One Health’ आज
के समय की सबसे
बड़ी ज़रूरत को दर्शाती है—समग्र स्वास्थ्य और प्रकृति के
साथ सामंजस्य। आज कॉर्पोरेट से
लेकर विद्यालयों तक, हर वर्ग
योग को अपना रहा
है।
विशाखापत्तनम
में 106 स्कूलों के 25,000 से अधिक आदिवासी छात्रों ने इस आयोजन
में भाग लिया, जिससे
यह देश का सबसे
बड़ा आयोजन बन गया।
प्रधानमंत्री
मोदी ने सटीक रूप
से कहा—
“योग आत्मा से संसार की यात्रा है, और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आंतरिक शांति को वैश्विक नीति बनाने की दिशा में एक कदम है।“
📸 आज की झलकियाँ — रांची के CITE कॉलेज से
- CITE कॉलेज, रांची के शिक्षक और छात्र योग दिवस पर सक्रिय भागीदारी करते हुए।
- एक योग प्रशिक्षक द्वारा योग तकनीक का प्रदर्शन व मार्गदर्शन।
योग
केवल शरीर को मोड़ने
का अभ्यास नहीं, बल्कि अनुशासन, एकता और स्वास्थ्य
का विज्ञान है। यदि इसे
नियमित रूप से किया
जाए, तो यह शरीर
और आत्मा दोनों को पोषित करता
है।
इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आइए हम
संकल्प लें कि इस
प्राचीन भारतीय ज्ञान को अपनी आधुनिक
दिनचर्या में अपनाएँ और
सच्चे स्वास्थ्य का उत्सव मनाएँ।
🙏 नमस्ते!
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