🚛📸 खतरनाक ढंग से घर लौटते लोग
झारखंड के एक सुदूर असाइनमेंट के दौरान मैंने एक बेहद चौंकाने वाला और चिंताजनक दृश्य देखा। ग्रामीण तेज़ रफ्तार से भागती विभिन्न आकार की गाड़ियों पर असंतुलित ढंग से सवार होकर साप्ताहिक हाट से घर लौट रहे थे। जिज्ञासा से मैंने कुछ लोगों से बात की। उन्होंने बताया कि आसपास के गाँवों और कस्बों से लोग ख़रीदारी करने आए थे और अब जल्दी-जल्दी घर लौट रहे थे।
यह दृश्य बड़ा अव्यवस्थित था—भीड़ से ठसाठस भरी गाड़ियाँ संकरी सड़कों पर दौड़ रही थीं, जिनमें हिलने-डुलने तक की जगह नहीं थी। मैंने तुरंत अपना प्रिय Canon EOS 1D Mark III कैमरा, 16–35mm f/2.8 लेंस के साथ निकाला और गति को कैद करने के लिए सेटिंग्स समायोजित कीं। ऐसे शॉट्स में शटर स्पीड सबसे अहम होती है, इसलिए मैंने इसे 1/50 सेकंड पर सेट किया ताकि गति और उस आपाधापी को उभार सकूँ।

मैं अक्सर युवा फ़ोटोग्राफ़रों से साझा करता हूँ कि तस्वीर में सार्थक तत्व जोड़ना दर्शकों का ध्यान खींचता है और गहरी कहानी कहता है। इस तस्वीर में भीड़भाड़, ओवरलोडेड गाड़ियाँ और गति का अहसास मिलकर एक प्रबल कथा रचते हैं—जो शब्दों से कहीं अधिक बोलती है।
लेकिन जो तस्वीर में आकर्षक दिखता है, वह एक गंभीर वास्तविकता है। ओवरलोडेड गाड़ियाँ सिर्फ़ इस क्षेत्र ही नहीं, पूरे देश में आम दृश्य हैं, और यही सड़क दुर्घटनाओं, चोटों और मौतों का बड़ा कारण बनती हैं। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 और इसका 2019 संशोधन स्पष्ट रूप से कहता है कि ओवरलोड को मालिक के ख़र्चे पर उतारना होगा, साथ ही दंड भी तय है:
✔ मालवाहक गाड़ियों पर ₹20,000 का बेस फाइन और प्रति अतिरिक्त टन ₹2,000 जुर्माना
✔ बार-बार उल्लंघन पर लाइसेंस निलंबन और कानूनी कार्रवाई
✔ अनुपालन की निगरानी हेतु वज़न कांटे और पोर्टेबल स्केल लगाए गए हैं
ख़तरे और आर्थिक असर:
➡ सड़कों के तेज़ी से ख़राब होने से सरकारी रखरखाव ख़र्च बढ़ता है
➡ दुर्घटनाओं का बड़ा कारण, रोज़ जान जोखिम में डालता है
➡ वाहन की उम्र घटाता है और बार-बार खराबी लाता है
➡ ईंधन खपत और टायर घिसाव बढ़ाता है, परिचालन लागत बढ़ाता है
➡ बीमा लाभ, लाइसेंस या वाहन रजिस्ट्रेशन खोने का ख़तरा
➡ वज़न कांटे और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम से ओवरलोड गाड़ियाँ पकड़ी जाती हैं
ओवरलोडिंग न सिर्फ़ जीवन के लिए खतरनाक है बल्कि संसाधनों की भी बर्बादी है। अतिरिक्त ईंधन खपत, गाड़ी पर नियंत्रण में कमी और बार-बार मरम्मत ऐसे ख़र्चे हैं जिन्हें टाला जा सकता है। पैसों के नुकसान से भी आगे, कड़े जुर्माने और लाइसेंस निलंबन जैसी सज़ाएँ रोज़गार को भी बर्बाद कर सकती हैं।
सुरक्षा सबसे ज़रूरी है। ओवरलोडिंग न तो आर्थिक रूप से समझदारी है और न ही क़ानूनी रूप से स्वीकार्य। जिम्मेदार परिवहन न केवल नियमों का पालन है, बल्कि सड़क पर सभी की सुरक्षा की गारंटी भी है।
📸 चलती गाड़ी की फ़ोटोग्राफ़ी ऐसे की गई:
- कैमरा: Canon EOS 1D Mark III
- शटर स्पीड: 1/50 सेकंड
- एपर्चर: f/14
- लेंस: 16–35mm f/2.8
- ISO: 800
- फोकल लेंथ: 35mm
- तकनीक: गति दिखाने के लिए पैन शॉट
✍️ टेक्स्ट और फ़ोटो – अशोक करन
🌐 ashokkaran.blogspot.com
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