हाउसबोट ब्लिस: केरल के बैकवाटर्स में क्रूज़िंग
#Kerala #Travel #Backwaters
केरल में एक पुल पर अचानक रुकने से मुझे एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। हरे–भरे नारियल के ऊँचे पेड़ों के बीच, एक भव्य हाउसबोट शांतिपूर्वक नदी पर तैर रही थी। यह दृश्य कैमरे में कैद करने लायक था। मैंने फौरन लेंस बदला और केरल का एक त्रि–आयामी पोस्टकार्ड बनाने के लिए कैमरा तैयार किया।
केरल की हाउसबोट्स पर्यटकों के लिए एक प्रतिष्ठित अनुभव हैं, जो राज्य के जादुई बैकवाटर्स को अनोखे अंदाज में देखने का मौका देती हैं। ये तैरती हुई शरणस्थलें पुराने ‘केट्टुवल्लम‘ की आधुनिक रूपांतरण हैं, जो पहले चावल और मसाले जैसे सामान ढोने के लिए उपयोग में लाए जाते थे। ‘केट्टुवल्लम‘ नाम मलयालम के शब्दों “केट्टु” (बाँधना) और “वल्लम” (नाव) से लिया गया है, जो इनकी पारंपरिक निर्माण तकनीक को दर्शाता है।
कल्पना कीजिए, पानी पर एक लक्ज़री होटल! हाउसबोट्स में वो सभी सुविधाएँ मिलती हैं, जो आप जमीन पर किसी होटल में उम्मीद करते हैं: बेडरूम, किचन, लिविंग एरिया और बाथरूम। इनकी देसी खूबसूरती में इको–फ्रेंडली सामग्री जैसे कटहल की लकड़ी, ताड़ की लकड़ी, नारियल के रेशे, बाँस की खंभियाँ और चटाइयाँ योगदान देती हैं। आमतौर पर ये 60 से 70 फीट लंबी और 15 फीट चौड़ी होती हैं। केरल में ये प्रमुख स्थानों पर पाई जाती हैं:
- तिरुवनंतपुरम
- कोल्लम
- कोट्टायम
- अल्लेप्पी (अलाप्पुझा)
- एर्नाकुलम
- त्रिशूर
- कासरगोड़
हाउसबोट्स के अलावा केरल के जलमार्गों पर और भी रोमांचक विकल्प हैं:
- मोटरबोट्स: बजट में यात्रा के लिए अच्छा विकल्प।
- शिकारा बोट्स: पारंपरिक मोटर चालित डोंगियाँ, जिनमें 4 से 15 लोग बैठ सकते हैं।
अपने विशिष्ट पत्तों से बनी छतों के साथ केट्टुवल्लम केरल के पर्यटन उद्योग की रीढ़ हैं। दिलचस्प बात यह है कि थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे दक्षिण–पूर्वी एशियाई देशों में भी हाउसबोट्स के लिए “फ्लोटिंग हाउसेस“, “फ्लोटिंग विलेजेस” और “फ्लोटिंग मार्केट्स” जैसे नाम उपयोग में लाए जाते हैं।
केरल में आधुनिक हाउसबोट का श्रेय कोट्टायम के थॉमस वर्गीज़ को जाता है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने इसकी शुरुआत की थी, जब स्थानीय महाराजा ने उन्हें ज़मीन पर निर्माण करने की अनुमति नहीं दी।
केरल में हाउसबोट यात्राएँ आमतौर पर एक दिन से लेकर रातभर ठहराव तक होती हैं। हालांकि, छोटे या लंबे समय के लिए इसे अनुकूलित किया जा सकता है। तीन रातों की यात्रा में आप छिपे हुए नहरों, शांत गाँवों और सुरम्य जलमार्गों को गहराई से देख सकते हैं।
खर्च नाव की श्रेणी (लक्ज़री, डीलक्स, बजट), बेडरूम की संख्या और सीज़न पर निर्भर करता है। एक बेसिक वन–बेडरूम हाउसबोट की कीमत लगभग ₹9,000 प्रति रात से शुरू होती है, जबकि लक्ज़री विकल्प ₹30,000 या उससे अधिक तक जा सकते हैं। अधिकांश हाउसबोट पैकेज में स्वादिष्ट भोजन शामिल होता है। एक त्वरित मूल्य विवरण इस प्रकार है:
- स्टैंडर्ड वन–बेडरूम हाउसबोट: ₹9,000/-
- डीलक्स हाउसबोट (मल्टीपल बेडरूम): ₹15,000/- से ₹25,000/- प्रति रात
- प्रीमियम लक्ज़री हाउसबोट: ₹25,000/- प्रति रात से अधिक
सर्दियों जैसे पीक सीज़न में कीमतें अधिक होती हैं। बेडरूम की संख्या जितनी अधिक, कीमत उतनी ही ज्यादा। स्थान का भी असर पड़ता है, जिसमें अल्लेप्पी सबसे लोकप्रिय है। अलग–अलग दरों के लिए कुमाराकोम भी एक अच्छा विकल्प है।
केरल में सड़क, जल और वायु मार्गों से शानदार कनेक्टिविटी है। राज्य में बजट होटल आसानी से मिल जाते हैं। हाउसबोट में ठहरने के लिए, अनावश्यक होटल खर्च से बचने हेतु प्री–बुकिंग की सिफारिश की जाती है।
हाउसबोट यात्रा की योजना बना रहे हैं? तो ध्यान रखें:
- अंतिम समय की परेशानी और डबल बुकिंग से बचने के लिए पहले से हाउसबोट बुक करें।
- अपने बजट और पसंद के अनुसार हाउसबोट श्रेणी चुनें।
- सीज़न और स्थान के अनुसार लागत का आकलन करें।
केरल के जादुई बैकवाटर्स आपका इंतजार कर रहे हैं! आपकी हाउसबोट यात्रा अविस्मरणीय अनुभव हो, यही शुभकामना।
फोटो कैप्शन: केरल के अल्लेप्पी ज़िले के शांत बैकवाटर्स में तैरती हुई एक हाउसबोट।
टेक्स्ट और फोटो: अशोक करन, ashokkaran.blogspot.com



Leave a Reply