प्रकृति का कैनवास – नेतरहाट
मेरी हाल की यात्रा नेतरहाट, जिसे “छोटानागपुर की रानी” कहा जाता है, झारखंड फोटोग्राफिक एसोसिएशन (JPA) द्वारा आयोजित की गई थी। इस दौरान मुझे मैग्नोलिया पॉइंट जाने का अवसर मिला – जो अपने मनमोहक सूर्यास्त दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
पौष्टिक दोपहर के भोजन के बाद हम मैग्नोलिया पॉइंट की ओर बढ़े, जो नेतरहाट से लगभग 10 किलोमीटर दूर लातेहार जिले में स्थित है। संयोग से, घने बादल छा गए और शीघ्र ही तेज बारिश होने लगी। हम – फोटोग्राफी के प्रति समर्पित लोगों का एक समूह – पास ही बने छोटे–छोटे वन आश्रयों में शरण लिए बैठे, उम्मीद थी कि मौसम साफ हो जाएगा। कुछ समय के लिए हमारा उत्साह मंद पड़ गया, क्योंकि लग रहा था कि सूर्यास्त घने बादलों के पीछे ही छिपा रह जाएगा।
लेकिन प्रकृति के इरादे कुछ और थे। चूँकि हम लगभग 90 मिनट पहले ही पहुँच गए थे, धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते रहे। धीरे–धीरे बारिश थमी, और जब उम्मीद लगभग टूटने लगी थी, तभी आसमान एक अद्भुत कैनवास में बदल गया। लाल, नारंगी और सुनहरे रंगों की छटा क्षितिज पर बिखर गई, जिसने उस पल को जादुई बना दिया। कैमरों की क्लिक के साथ हमने उस मनमोहक सूर्यास्त को कैद कर लिया – यह अनुभव हमेशा स्मृतियों में जीवंत रहेगा।
मैग्नोलिया पॉइंट – सुंदरता और किंवदंती का संगम
मैग्नोलिया पॉइंट न केवल अपने अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी शांत वातावरण और हल्की ठंडी हवा भी इसे विशेष बनाती है। चारों ओर हरे–भरे पहाड़ और घाटियाँ इसे प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग बना देते हैं।
यह स्थान एक मार्मिक कथा से भी जुड़ा है। माना जाता है कि इसका नाम एक ब्रिटिश अधिकारी की बेटी मैग्नोलिया के नाम पर पड़ा, जिसने यहाँ से कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। स्थानीय जनश्रुति के अनुसार, मैग्नोलिया और सूर्य (बटुक) ने नेतरहाट के वृक्षों के नीचे अपने प्रेम की प्रतिज्ञा की थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सूर्य की असमय मृत्यु के बाद शोकाकुल मैग्नोलिया ने अपने घोड़े सहित इस चट्टान से छलांग लगा दी। आज भी इस स्थल पर स्थित उनकी प्रतिमा इस कथा की याद दिलाती है।
मैग्नोलिया पॉइंट से आगे – नेतरहाट की खोज
नेतरहाट अपनी पहाड़ियों, घने जंगलों और जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से लोढ जलप्रपात, जो झारखंड का सबसे ऊँचा और भारत का 21वाँ सबसे ऊँचा जलप्रपात है, अवश्य देखने योग्य है। यह नेतरहाट से लगभग 70 किलोमीटर दूर साल वृक्षों के घने जंगलों में स्थित है।
नेतरहाट घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है और आकाश बिल्कुल साफ रहता है। चाहे वह जादुई सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा हो, शांत वादियों में ट्रेकिंग हो या फिर घने जंगलों की गोद में सुकून भरे पल बिताना – नेतरहाट हर यात्री को एक ताजगी भरा अनुभव प्रदान करता है।
यात्रा सुझाव
यदि आप 2–3 दिनों के लिए रुककर नेतरहाट की पूरी खूबसूरती का आनंद लेना चाहते हैं, तो अग्रिम रूप से अपना आवास बुक करना न भूलें। यहाँ अब कई होमस्टे और इको–रिसॉर्ट उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे इस हिल स्टेशन की मोहकता में खो जाना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।
तस्वीरों की झलक
1.
मैग्नोलिया पॉइंट पर रंगों से सजा आसमान।
2.
बारिश से भीगे प्राकृतिक दृश्यों का छोटा वीडियो।
लेख व तस्वीरें: अशोक करन
ashokkaran.blogspot.com
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